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जो नहीं ठहरा

जो नहीं ठहरा

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साँसे तो ठहर गई, पर मन नहीं ठहरा।

रोज़ मिले तुमसे ख्वाबों में,

पर आँखों का अश्क नहीं ठहरा।

हवा तो ठहर गई,

पर मन का तूफान नहीं ठहरा।


रोज़ मिले तुम जज्बातों में, पर

आँखों का अश्क नहीं ठहरा।

सागर का पानी ठहर गया,

मन का कोलाहल नहीं ठहरा।


रोज़ मिले तुम राहों में, पर

आँखों का अश्क नहीं ठहरा।

राहें ठहर गईं, पर मन में

बसा मुसाफिर नहीं ठहरा।

रोज़ मिले तुम अफसानों में,

पर आँखों का अश्क नहीं ठहरा।

लफ्ज़ ठहर गए, पर

मन की बातें नहीं ठहरी।

रोज़ मिले तुम शब्दों में,

पर आँखों का अश्क नहीं ठहरा।



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