अनजान थे खास हो गए
अनजान थे खास हो गए
अनजान थे दोनो एक दूसरे से कुछ पल को
आज एक दूसरे की पहचान हो गए
सोचा न था कभी उतने
एक दूजे के लिए खास हो गए
इन दूरियों के वक्त में हम और भी पास हो गए
बातें करने का वक्त काम पड़ जायेगा
ये एहसास तक हो गए
बिन बोले एक दूजे के जज़्बात समझने लगे
ऐसी दोस्ती के हम साज हो गए
तस्वीरों के बगैर ही हमारे साथ गुजारे लम्हे
हमारी मुस्कान हो गए
बातो बातो में लड़ाई भी की और बात ना करने पर
एक दूसरे का इंतजार हो गए
एक दूजे की खुशी और गम का हिस्सा बन गए
यूं हम दोनों एक दूजे के लिए खास हो गए।