सच केहने की दर्द
सच केहने की दर्द
सच कहते सब यहां पे सच
बोलने से दर्द ही है मिलता
तब ही तोह आज तुम इतने दूर होंगे हमसे
हा! कहते है जैसे सब झूठ यहां पे
कह देते हम भी अगर तुमसे
तो होते न हम इतने दूर कसम से
पर चलती नही है कोई रिश्ता झूठ पे
यह सोच के हमने भी कर
दिया सच बोलने की सूरत
पर मिला क्या मुझे बदले में
हाँ ! तुमने ही तो कहा था झूठ न बोलना तुम हमसे
तोह सच बोलने का क्या सिहला दिया तुमने
हा! सच्ची मोहब्बत की असुल ही कुछ ऐसा
जब तक दोनो बिछड़ नहीं है जाते
तब तक मोहब्बत साबित नहीं है होते
अगर बिछड़ना था किस्मात में हमारे तो
मिला दिया क्यों इस रब ने हमे दुबारा
समझो न तुमसे ही प्यार हो गया है हमे दुबारा
अपनी रिश्ता न टूट जाए
हम दोनों बिछड़ न जाए
इस लिए किया कितना गुजारिश इस खुद्दा से
की तेरी मेरी बीच न आए कोई टकरार गलती से
हमे तोह बस अपनी नकचड़ी से ही है प्यार
चाहे कुछ भी हो जाए हम तो बस
करेंगे उनसे ही इसका इजहार।

