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shuuAnni Singh

Abstract Romance Others

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shuuAnni Singh

Abstract Romance Others

वापस दे

वापस दे

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जो तेरे पीछे कई अरसे हमने अपने दिए

उसे वापस दे और तू चली जा,

जो तेरे लिए हमने क्या क्या न है किए

उसे वापस दे और तू चली जा,

वह आधी आधी रातों को जगते थे

तुमसे बातें करने को

उन नींदों को वापस दे और तू चली जा,

वह तेरे ग़लतियों पे मार खाते थे

उस दर्द को वापस ले और तू चली जा,

हाँ जनता हूँ नहीं ले सकती वह सारे दर्द

और न ही दे सकती वह सारे पल

जो तेरे पीछे हमने दिया है।।


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