कफ़न पे मेरे फूल रखने आ जाना
कफ़न पे मेरे फूल रखने आ जाना
तोड़ के सारे कसमें तोड़ के सारे पाबंदियां तुम
कफ़न पे मेरे फूल रखने आ जाना,
मोहब्बत नहीं तो यह ख़्वाहिश मेरी तुम निभा जाना,
क्या करे सच बोलने की सजा जो मिली है मौत
बस तुम से यह बोल दिए की हमे कोई
और भी चाहता है,
बिन सुने मेरी बात की हम किसे चाहते है
तोड़ दिए सारे रिश्ते और चल गई छोड़ हमे
बस इतनी मोहब्बत की थी क्या हमने
जो अब तक न हुआ भरोसा तुझे हम पे
बस अब न कहना है कुछ भी
हाँ बस पूरी कर देना मेरी यह आखिरी ख़्वाहिश की
तोड़ के सारी कसमें तोड़ के सारे पाबंदियां तुम
कफ़न पे मेरे फूल रखने आ जाना.....