STORYMIRROR

shuuAnni Singh

Abstract Romance Others

2  

shuuAnni Singh

Abstract Romance Others

मेरे प्यार पे विश्वास नहीं

मेरे प्यार पे विश्वास नहीं

1 min
76

मेरे प्यार पे जरा भी भरोसा तुम्हे नहीं है,

मेरे इज़हार पे जरा भी भरोसा तुम्हें नहीं है,

कहते कहते यह लफ्ज़ न थके मेरे,

हाँ ! कितना प्यार करते हम तुमसे सही,

पर तब भी मेरे प्यार पे जरा भी

भरोसा तुम्हें नहीं है,

हाँ ! मेरे इज़हार पे जरा भी भरोसा तुम्हें नहीं है...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract