STORYMIRROR

Shashank Kushwaha

Abstract Romance Inspirational

4.1  

Shashank Kushwaha

Abstract Romance Inspirational

20 के अजीब झमेले होते हैं

20 के अजीब झमेले होते हैं

1 min
286


कहीं कोई डिग्री में तो, कोई डिप्लोमा में डूबे होते हैं,

कहीं नौकरी की चाह तो, कहीं किताबों के रेले होते हैं,


कहीं बाजारों की रौनक तो, कहीं कुल्फी और चाट के ठेले होते हैं,

कहीं पैसे बचाने की चाह तो, कहीं रोज पनीर और छोले होते हैं,


कहीं भविष्य की सोच तो, कहीं बसंती के सोले होते हैं,

किसी के सच्चे वाले प्यार की शुरुआत तो, कही गमों के मेले होते हैं,


किसी का दस बजे तक सोना तो, किसी को सुबह जगाने वाले होते हैं,

20 के आस पास के अजीब झ

मेले होते हैं।


कोई अपनों से दूर तो, कोई घर पे ही डेरा डाले होते हैं,

घर रह कर बूढ़ों की सेवा करते, वो कितने किस्मत वाले होते हैं,


इस उम्र के आते आते माँ-बाप के कंधे भी डोले होते हैं, 

जीवन के इन बेहतर दिनों में कुछ दोस्त,कई हमजोले होते हैं, 


हर कोई हमारा अपना है, हम इसी खुशी में फूले होते हैं,

सब कुछ तो होता है पास मगर, फिर भी हम क्यों इतने अकेले होते हैं,


20 के आस पास के अजीब झमेलेब होते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract