प्यारी बहना
प्यारी बहना


वो गलती पे चिल्लाती है पर,
रूठ जाओ तो हज़ार तरीकों से मनाती है,
पापा की डाँट से बचाने को,
तुम्हारी गलतियाँ अपने सर ले जाती है,
तुम्हारे जेबखर्च के लिए अपनी
अभिलाषाओं को दिल में दफ़नाती है,
जानती है तुम्हारे सारे राज पर,
जान के भी छिपाती है,
परेशान कभी हो तो
भैया को ही दिल की बात बताती है,
रहो तुम हमेशा ख़ुश,
दिल और दुआ से यही चाहती है।
मेरी प्यारी बहना
रक्षाबंधन का पूरे साल इंतज़ार करती है ,
रक्षाबंधन की तैयारियों में
एक महीने पहले से लग जाती है,
उसके पसंद के रंग की राखी
पूरे बाजार से ढूँढ के लाती है,
भाई का इंतज़ार करती है,
जल्दी-जल्दी सब काम निपाट,
सज-सँवर भाई की राह निहारती है,
रक्षाबंधन को भैया ना आएंगे यह सुन,
दिल में ही सिसक रह जाती है,
पूरे दिन भैया की याद,
पल पल उसे रुलाती है,
कहती न किसी से भी कुछ बस,
मेरा भाई सलामत रहे,
यही प्रार्थना कर धीरे से सो जाती है।