एहसास बिखरते रिश्तों का
एहसास बिखरते रिश्तों का
सब हदों से गुज़र गए है हम........
तुमने देखा और संवर गए हैं हम
आंधियां वक्त की चली कुछ ऐसी
जर्रा जर्रा बिखर गए हैं हम
अब तो मौजूद ही नही खुद में
यूं किसी में उतर गए हैं हम
मौत का तो पता नही कुछ भी
जिंदगी तुझे से डर गए हैं हम
अक्स मोहब्बत के है जिन दीवारों में
बाद अर्से के घर गए हैं हम
ला न पाए जो सामने सच को
आज लगता है मर गए हैं हम
था असरदार गम का पैमाना
खुद से बेखबर हो गए हैं हम।