STORYMIRROR

Hardik Mahajan Hardik

Abstract

4  

Hardik Mahajan Hardik

Abstract

असुरों का मेला

असुरों का मेला

1 min
406

हे नीलकंठेश्वर सुनों लगा असुरों का मेला,

जहां उन्हें अब तुम अपना नृत्य दिखाओ। 


करो तांडव भयंकर अपना डमरू चलाओ,

देवलोक पर असुरों का नरसंहार कराओ।


छिड़ा विश्व युद्ध विदेशों में जो उन्हें अपना,

अब खुलकर तुम नृत्य का तांडव दिखाओ।  


देह पर देहरी मचा आज विश्व में प्रहलय,

हे नीलकंठेश्वर तुम्ही उन्हें राह दिखाओ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract