"अंग्रेजों से आजादी"
"अंग्रेजों से आजादी"
आओ स्वर्ण आजादी का 75 वां वर्ष जश्न मनाते हैं।
चलो दलितों के झूठे मुकदमों से रूबरू कराते हैं।
झूठी भीम सेना ने स्वर्ण छैलसिंह को फसा दिया।
पवनी मेघवाल का होका पाणी बंद बहिष्कृत किया।
बोलो अब कोई संदेह अंग्रेजों से अन्याय कम हुआ है।
अंग्रेजों से आजादी पाई भीम सेना के तो हाथ आईं।
हम तो घर के रहे ना घाट के भीम सेना अंग्रेज बनी।
चले थें अंग्रेजों से आजादी पाने ढोली घोड़ा बन बैठै।
चले थे हम तो चौबे जी बनने पर दूबे जी बन गये।
छैलसिंह एक बानगी है और भी भविष्य खराब किया।
सुख चैन राजनीति नौकरी रोजगार आजादी छिनी।
आपे किन्ना कामड़ा ने किणमें काढु दोष।
आ काजी जी री पालड़ी कांदे लिवी खोस।
