अन्धविश्वास
अन्धविश्वास
अन्धविश्वास
एक धीमा ज़हर है
जो संहार करता है सबका
नर हो या नारी
बच्चे हो या बूढ़े
बेजुबान जानवर
ये संहार करता है
पेड़ से लेकर नदियों तक को
ये हर तरह से प्रगति को
संक्रमित करता है
और कभी कभी तो
इतनी ज़ोर का गला दबाता है
कि हम अपना ही अस्तित्व खो देते हैं
हम खो देते हैं अपना तार्किक गुण
जो हमें हम होने का अहसास कराती है
ये इतना खतरनाक ज़हर है
कि खा जाता
एक स्त्री की स्वतंत्र पहचान
पुरूषों का मार्मिक पुरुषत्व बोध
जीवन का उद्देश्य
प्रकृति की पहचान
और मानव जाती का सुनहरा भविष्य!
