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Nikhil Kumkum

Abstract

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Nikhil Kumkum

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आखरी नहीं होंगे

आखरी नहीं होंगे

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 ये जो जलते जंगल हैं

आखरी नहीं होंगे

ये जो कटते पेड़ हैं

आखरी नहीं होंगे

ये सफ़ेद भुरभुरी चादर

के सिलवटों का सिमटना

आखरी नहीं होगा

आज संदर की आगोश में

समाया ये क़स्बा

आखरी नहीं होगा

इस साल के गर्मी का रिकॉर्ड

आखरी नहीं होगा

पड़ोस के गाँव

जहाँ के सारे कुँए और चापाकल

प्यासे हैं आखरी नहीं होंगे

इन सैकड़ों नहीं मासूम

जीवों की प्रजातियों

का खतम होना आखरी नहीं होगा

हम आखरी नहीं होंगे।


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