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Nikhil Kumkum

Abstract Romance Fantasy

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Nikhil Kumkum

Abstract Romance Fantasy

दो समानान्तर रेखा

दो समानान्तर रेखा

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दो सामानांतर रेखाएँ मिलती हैं अनंत पर

कहीं बहुत खूबसूरत जगह होगी 


अनंत चलना होता है अनंत तक पहुँचने के लिए 

या जीना होता हो गामर जाना हल बिलकुल नहीं 


आपके ऊपर है आप मरना चाहते हो या

अनंत पर मिलना मिलकर रेखाएं फिर जुदा जाती हैं 


उन्हें मिलने की ख़ुशी नहीं होती 

उन्हें बिछड़ने का कोई ग़म नहीं होता  वो जुदा होती हैं

दो समान्तर रेखाएं मिलती हैं अनंत पर कहीं। 



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