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Nikhil Kumkum

Abstract

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Nikhil Kumkum

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परछाई

परछाई

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है परछाई भी मतलब की साथी 

रौशनी में साथ निभाती है,

और अंधेरों के साए में 

खुद ही गुम हो जाती है।


चलना है तो साथ चलो 

वरना पीछे रह जाओगी

जब उतरूंगा साहिल से 

झील में ,

तुम सूखी रह जाओगी । 


  


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