अंधेरी रात डराती है ....
अंधेरी रात डराती है ....
अक्सर जब मन होता है बहुत उदास ....
जब लगता है कोई नहीं है हमारे साथ .....
जब दिखता नहीं कोई भी आसपास ...
तब दिन तो कट जाता है धीरे धीरे ....
पर रात बहुत बड़ी हो जाती है .......
ऐसे में सचमुच वह अंधकारमय रात
बहुत ही डराती है .............
अक्सर जब दुःख के बादल छाते हैं ....
आँखों में आँसू की सुनामी आती है ...
जब कोई खास अपना ...हमसे बिछड़ जाता है !
तब उस रात का अंधेरा मानो और भयावह हो जाता है
ऐसे में सचमुच वह अंधेरी रात बहुत डराती है ....
.
