अंधभक्ति
अंधभक्ति
उस जिला हाथरस में हुआ, बहुत दुखद सत्संग।
भीड़ असीमित थी वहाँ, किंतु व्यवस्था भंग।।
तुच्छ व्यक्ति ईश्वर बना, कहता 'लो पग-धूल'।
इसीलिए भगदड़ मची, यह घटना का मूल।।
गिरकर दबकर मर गए, वहाँ बहुत से लोग।
गाँव फुलरई में हुआ, बड़ा दुखद दुर्योग।।
'भोले बाबा' था बना, अति साधारण व्यक्ति।
जानें क्यों कुछ मानते, उसे ईश की शक्ति।।
उसे किसी से था नहीं, रत्ती भर अनुराग।
दुर्घटना के बाद वह, गया वहाँ से भाग।।
