STORYMIRROR

Deepak Tongad

Tragedy

3  

Deepak Tongad

Tragedy

अमृतसर हादसा

अमृतसर हादसा

1 min
13.5K


इस दशहरा पर हुआ हादसा

वाह क्या बात है खालसा

इंसान पटरी व् पत्थरों के बीच तड़पता रहा

बेमौत मरता रहा

हर पल भगवान को याद करता रहा

नेता नेतागिरी में रह गए

नहीं सुध ली उस प्रशासन ने

वो एक-दूसरे के मुँह को तकते रहे

रावण जैसे अंहकार के नीचे दबते रहे

भगदड़ ऐसी मची कि

राम भी रोकने नहीं आये

रावण को जला के

राम का नाम भी अपनी ज़ुबाँ पर नहीं ले पाये


दशहरा वाली कमिटी ने पोस्टर पर की ग़लती

क्या पता था किस को भुगतनी है ये ग़लती

राम ने भी कर दी थोड़ी जल्दी

जो लोग भूल गये राम को

वो गये काम से

जो बचे वो रह गये राम नाम से

जो कभी निभाता था राम का किरदार

वो बना दिया रावण का दार

भूल गया शायद वो भी राम को

हो गया प्यारा श्री राम को।

जय श्री राम। जय हनुमान।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy