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Rajendra Prasad Patel

Inspirational Others

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Rajendra Prasad Patel

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अमर शहीद सुभाष बाबू

अमर शहीद सुभाष बाबू

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नेता सुभाष को नमन् करते,

जिंदगी अनुभव कर रहा हूॅं ।

जय हिंद के नारों से गुंजित,

नभ को अनुभव कर रहा हूॅं ।।


स्वार्थ पलों को छोड़ चले थे,

आजाद हिंद की रचना कर ।

दिल्ली चलने का नारा देते,

विरुद्ध अंग्रेजों के धरना धर।।


मुझे खून दो मैं आजादी दूॅंगा,

मकसद् एक हिंदुस्तानी का ।

भीगी भीगी वो पलकें लेकर,

अमर धरा के उस ज्ञानी का ।।


भरा जोश था हरा जोश था,

आजादी का वो रक्त लिए ।

मातृभूमि का प्रेम समर्पण,

बलिदानी का पथ वक्त लिए।।


आजाद हिंद का फौज बना,

इंकलाब की ले उमड़ी नारा ।

नहलाते पथ में हर कोई को,

आजादी के उस बहते धारा ।।


दे स्वराज की गूॅंज गगन में,

जगा चले सोये दीवानों को ।

नींद उड़ाई उन अंग्रेजों की,

हिला रहे घाती हैवानों को ।।


वाह वीरों के वो वीर सपूत,

दिल तेरा था हिन्दुस्तानी ।

हिंद धरा का कण कण तेरा,

चाह रहा अमृतमय पानी।।


जिसमें तूने घोल हिंद को,

एक  सूत्र  में  बांधा  था ।

हर गोरों को कृषकों की सी,

गाड़ी के जुओं में नाधा था ।।


वह पानी गंगा घाटों की, 

पवित्रता के पाठ पढ़ाते थे ।

जिनके लफ़्ज़ों में स्वतंत्रता,

गीतामय हिंदोस्तां गाते थे।।


हिंदोस्तां के थे उबले उफान,

घट घट का मैला धोते थे ।

बीज प्रेम का मातृभूमि से,

जन जन पर उरवत् बोते थे ।।


ॠणी रहेगा हर हिंदुस्तानी,

युगों युगों तक आशाएं ले ।

फिर से आओ यहां हुये हैं,

नेता अब अंग्रेजी अदाएं ले।।


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