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Sobhit Thakre

Classics Inspirational

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Sobhit Thakre

Classics Inspirational

अमर जवान

अमर जवान

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सरहद पर सीना ताने अडिग खड़ा रहे

वो अमर जवान है भारत का।

दुश्मनों के आगे जिद पर अपनी अड़ा रहे

वो अमर जवान है भारत का।


उबलता रग-रग में देशप्रेम का भाव है

जंग में लड़ता वीरों सा आंव देखे न ताव है।

रक्त रंजित होकर भी वो न पीछे हटे

भारत माँ की शान में सिर चाहे उसका कटे ।

वो अमर जवान है भारत का... वो अमर जवान है भारत का...


कंपकपाती शर्दी में

झुलसाती गर्मी में।

बर्फीले तुफानों में

पहरेदारी करता वो अपनी वर्दी में ।

वो अमर जवान है भारत का... वो अमर जवान है भारत का...


दिल में उसके पुरा भारत बसता

हाथ जिसके ध्वज अपना सजता।

होंठों पर वंदे मातरम का राग है

प्राणों को भी मातृभूमि पर न्यौछावर करता।

वो अमर जवान है भारत का... वो अमर जवान है भारत का...


सरहद पर सीना ताने अडिग खड़ा रहे

वो अमर जवान है भारत का...

दुश्मनों के आगे जिद पर अपनी अड़ा रहे

वो अमर जवान है भारत का...


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