रक्षाबंधन की बेला
रक्षाबंधन की बेला
भीगी पलकों संग कैसे मनाऊँ भैया
ये राखी का त्यौहार।
आँखों में अश्रु आ रहे है
देखो न बार -बार।
सावन भी बरस रहा है मेरे संग
उसके ह्रदय में भी नही है कोई उमंग।
मेरे प्यारे भैया तू सरहद पर
देश रक्षा में निसार गया अपने प्राण।
गर्व है तुझ पर मुझे ,
भाई तू मेरा बड़ा वीरवान।
तेरे बलिदान पर गर्व से आज कहती हूँ।
भैया मेरे तुझ पर सौ -सौ जन्म
मैं कुर्बान करती हूँ ।
भारतमाता का तूने कर्ज दिया उतार।
दुश्मनों से लोहा लेकर
किया उन पर ऐसा प्रहार।
हर माता को आज तुझ पर
बड़ा ही हैं नाज।
मेरी राखी की भी रख ली घणी लाज।
भाई पाऊँ मैं तुझे ही हर जन्म में
यही कामना रखती हूं।
रक्षाबंधन की बेला में माँ भारती के
सपूतों को नमन करती हूँ।