अमिट छाप भाग -२
अमिट छाप भाग -२
फिर बड़ी कोशिशों, मुश्किलों के बाद
हो गई अब अपने घर गांव से आजाद
सब कुछ भरा- पूरा मिला था अब वो
सबकी उम्मीदों से भी बढ़कर था जो।
लेकिन आदतों से ऐसे आदी थी हुई
चोरी कर ही लेती थी चाहे वह हो सुई
अब पति के लिए मुसीबत बन चुकी थी
हर संबंधियों के सामने इज्जत झुकी थी।
शहर गांव में कहीं ना टिक पाई थी वो
कभी किसी की बाइक तो कभी सूमो
बहाना बनाकर बेच जाती थी बाजार
और हादसा करवा गया एक ट्रक सवार।
मौत को पा चुकी थी अब छोड़ वो सबको
३ बच्चों को छोड़ गई थी अपने पीछे वो
पर बच्चे भी उसके बाद चोर ही निकले
ना जाने पति नेे उसके कितने घर बदले।