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नीलम पारीक

Romance

5.0  

नीलम पारीक

Romance

"अक्षर-अक्षर"

"अक्षर-अक्षर"

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वो खत

जो तुमने लिखे थे,

वो खत

जो मैंने लिखे थे,

कभी के फाड़ दिए मैंने,


लेकिन

वो खत

जो लिखने थे तुम्हें,

और वो खत

जो लिखने थे मुझे,


आज भी रखे हैं

सहेजकर

दिल में

अक्षर-अक्षर


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