सहेजकर दिल में अक्षर-अक्षर सहेजकर दिल में अक्षर-अक्षर
मर्यादा के टूटने पर भी मौन देख रहा हूँ। मर्यादा के टूटने पर भी मौन देख रहा हूँ।
डज़न और उनके अंडे, उनका क्या करूँगा। डज़न और उनके अंडे, उनका क्या करूँगा।
साथ मेरे सारे मौसम चले गए ! साथ मेरे सारे मौसम चले गए !
तेरे रूप में खुद वो इस धरती पर हर जगह जरूर है। तेरे रूप में खुद वो इस धरती पर हर जगह जरूर है।
हो चाहे किसी की किसी पे गृहस्थी में लेकिन धाक जरुरी है। हो चाहे किसी की किसी पे गृहस्थी में लेकिन धाक जरुरी है।