फिर तेरे बटुआ सा ही होगा मेरा बटुआ भी भारी। फिर तेरे बटुआ सा ही होगा मेरा बटुआ भी भारी।
संग बढ़ाती हाथ संग बढ़ाती हाथ
हो चाहे किसी की किसी पे गृहस्थी में लेकिन धाक जरुरी है। हो चाहे किसी की किसी पे गृहस्थी में लेकिन धाक जरुरी है।
एक जगह पर केवल न है जगह जगह पर धाक मेरी एक जगह पर केवल न है जगह जगह पर धाक मेरी
मातृभूमि की आजादी पर कितने वीर शहीद हुए देश प्रेम में प्राण लुटाकर कितने यहाँ फ़क़ीर मातृभूमि की आजादी पर कितने वीर शहीद हुए देश प्रेम में प्राण लुटाकर कित...
स्वदेशी वस्तुओं को लाकर हर तरफ अपना वर्चस्व बढ़ा रहा है इंडिया। स्वदेशी वस्तुओं को लाकर हर तरफ अपना वर्चस्व बढ़ा रहा है इंडिया।