भुलाके द्वेष-क्लेश सब, करें नमन निशान को सुयोग से मिली हमें, ये भू परम्परा की है। भुलाके द्वेष-क्लेश सब, करें नमन निशान को सुयोग से मिली हमें, ये भू परम्परा की...
चलो - किसी न किसी दिन बेच दूँगी। चलो - किसी न किसी दिन बेच दूँगी।
निश्चिंत होकर थक न जाना, जोर लगाकर आगे जाना। निश्चिंत होकर थक न जाना, जोर लगाकर आगे जाना।
क्यों अबला नारी कहते हो। रक्त उसी के..तो बहते हो क्यों अबला नारी कहते हो। रक्त उसी के..तो बहते हो
आज अयोध्या नगरी में कुमकुम हल्दी, चंदन से रामायण का पूजन होगा आज अयोध्या नगरी में कुमकुम हल्दी, चंदन से रामायण का पूजन होगा
मातृभूमि की आजादी पर कितने वीर शहीद हुए देश प्रेम में प्राण लुटाकर कितने यहाँ फ़क़ीर मातृभूमि की आजादी पर कितने वीर शहीद हुए देश प्रेम में प्राण लुटाकर कित...