मतलब तुम ही हो जिसकी मुझे तलाश थी। मतलब तुम ही हो जिसकी मुझे तलाश थी।
कभी ये करती पुलकित सबको, कभी आक्रोश दिखाती है। दर्द दबा जो मेरे भीतर, उसे जगा कर जाती है। कभी ये करती पुलकित सबको, कभी आक्रोश दिखाती है। दर्द दबा जो मेरे भीतर, उ...
देख के जीवन के कष्टों को हे पथिक तुम नहीं डरो होने दो खुद को उल्लसित, होगी भोर तुम धीर धरो ... देख के जीवन के कष्टों को हे पथिक तुम नहीं डरो होने दो खुद को उल्लसित, ह...
मन की वीणा को छेड पुलकित करती है मेरे रोम-रोम को मुझमें जो बसी-रमी-घुली सी जा चुकी है अनगिनत मह... मन की वीणा को छेड पुलकित करती है मेरे रोम-रोम को मुझमें जो बसी-रमी-घुली सी ज...
कभी दूर वीरानों में गुमनाम जनों के गम खोदे। अति प्लावन या अल्प वृष्टि ने जिनके सपन सदा रौंद... कभी दूर वीरानों में गुमनाम जनों के गम खोदे। अति प्लावन या अल्प वृष्टि ने ...
वो कोमल हाथों से भाव व्यक्त करना करती हो नयी उमंग का संचार वो कोमल हाथों से भाव व्यक्त करना करती हो नयी उमंग का संचार