Zahiruddin Sahil
Abstract
ये ठीक है कि
सूरजमुखी भी
खिल गए हैं
लेकिन !
किसी के
साथ मेरे सारे
मौसम चले गए !
सुबह
रंग ए वतन
भेज भइया को ब...
आशियाना
अमल
इशारों क...
बुलावा
पैगाम
आँगन
होने से
हुई है अणिमा कंचन। विधाता की महिमा जानकर, करती आत्म मंथन। हुई है अणिमा कंचन। विधाता की महिमा जानकर, करती आत्म मंथन।
या देह के भीतर होता है या देह के भीतर होता है
गुमनाम से अनाम से, अपनी पहचान बनाना है। गुमनाम से अनाम से, अपनी पहचान बनाना है।
खाली हाथ आया और खाली हाथ जायेगा। खाली हाथ आया और खाली हाथ जायेगा।
मगर अमीर हूँ मै दिल का, कंगाल नहीं भुला दिया है जो तूने ———— मगर अमीर हूँ मै दिल का, कंगाल नहीं भुला दिया है जो तूने ————
दर्द भला क्या बयां करूँगा निशब्द मेरा यह मुख होगा जिस पल तुम मुझसे बिछड़ोगी वह छण अंत दर्द भला क्या बयां करूँगा निशब्द मेरा यह मुख होगा जिस पल तुम मुझसे बिछड़ोगी...
शायद मैं बातें कम करुँ नहीं छोड़ा कभी उनकी चिंता करना। शायद मैं बातें कम करुँ नहीं छोड़ा कभी उनकी चिंता करना।
पा लिया है खुद को मैने,देख ले ज़रा, और कुछ पाना नहीं, उस तरफ देखूं ही क्यूं ? पा लिया है खुद को मैने,देख ले ज़रा, और कुछ पाना नहीं, उस तरफ देखूं ही क्यूं ?
फीके पड़े दुनिया भर के इत्र दादाजी जो हैं मेरे मित्र। फीके पड़े दुनिया भर के इत्र दादाजी जो हैं मेरे मित्र।
दुख जीवन का सार है दुख जीवन का सार है
सपनों को पालने के लिए, देनी पड़ती है खुराक, वक़्त की, भावनाओं की, रिश्तों की और स्व सपनों को पालने के लिए, देनी पड़ती है खुराक, वक़्त की, भावनाओं की, रिश्...
घर जाने पर मिलती बौराती सी मां हरबार पुराने किस्से दोहराती सी मां। घर जाने पर मिलती बौराती सी मां हरबार पुराने किस्से दोहराती सी मां।
मेरे दिल का खून बहा होगा चाह के भी मै क्या करता नशे में बस मै खोया था तेरी शादी की उ मेरे दिल का खून बहा होगा चाह के भी मै क्या करता नशे में बस मै खोया था त...
प्रेम सपना जैसा प्रेम ख्वाब जैसा प्रेम सपना जैसा प्रेम ख्वाब जैसा
उस पल मुझको एहसास हुआ जैसे दिन में ही रात हुई छोड़ के हम जब घर निकले आँखो में आंसू आ उस पल मुझको एहसास हुआ जैसे दिन में ही रात हुई छोड़ के हम जब घर निकले आँ...
चाहे स्कूल-कॉलेज या मन पसंद लेखक की किताब चाहे स्कूल-कॉलेज या मन पसंद लेखक की किताब
तुमसे नाराज़ नहीं हूँ जिन्दगी हैरान हूँ पर परेशान नहीं हूँ। तुमसे नाराज़ नहीं हूँ जिन्दगी हैरान हूँ पर परेशान नहीं हूँ।
किया है मोहब्बत तो उसको निभाना कभी आज़माना,कभी आज़माना। किया है मोहब्बत तो उसको निभाना कभी आज़माना,कभी आज़माना।
मां किसी योद्धा से कम नहीं मां की ढाल की है नहीं कोई बराबरी। मां किसी योद्धा से कम नहीं मां की ढाल की है नहीं कोई बराबरी।
सिली चप्पल, और नन्ही परियों के मैले कूचले ले झबले... एक एक मुस्कान का हिसाब लगा लेती ह सिली चप्पल, और नन्ही परियों के मैले कूचले ले झबले... एक एक मुस्कान का हिसाब ल...