Zahiruddin Sahil
Abstract
दुआ भी करो ,
तो दवा भी करो !
थोड़ी सी दुनिया रखो,
थोड़ा सा ख़ुदा भी रखो !!
सुबह
रंग ए वतन
भेज भइया को ब...
आशियाना
अमल
इशारों क...
बुलावा
पैगाम
आँगन
होने से
हर एक एक पल आता है वो दिल रुबा याद। हर एक एक पल आता है वो दिल रुबा याद।
सिर चढकर बोलता शासक का अंहकार, खत्म हो रहा है आपसी मजहबी प्यार। सिर चढकर बोलता शासक का अंहकार, खत्म हो रहा है आपसी मजहबी प्यार।
...बदल जाये भविष्य में वर्तमान दौड़ पाऊं हाँ ! दौड़ना है मुझे... तुम सब से आगे... ...बदल जाये भविष्य में वर्तमान दौड़ पाऊं हाँ ! दौड़ना है मुझे... तुम सब स...
इन्सान हम इन्सान बन कर रहें, यहीबहुत है एतबार तोड़ने की ज़रूरत न पड़ेगी तब ! इन्सान हम इन्सान बन कर रहें, यहीबहुत है एतबार तोड़ने की ज़रूरत न पड़ेगी ...
जीवन, सृष्टि का आधार ये सफलता का मार्ग है खास। जीवन, सृष्टि का आधार ये सफलता का मार्ग है खास।
कुछ अनकही सी बात कुछ प्यार भरे जज़्बात। कुछ अनकही सी बात कुछ प्यार भरे जज़्बात।
जिम्मेदारियों का बेटा पिता और पति होता है। जिम्मेदारियों का बेटा पिता और पति होता है।
कही अनकही बातें ऋतुराज को सुनाई है, सखी ! सुना है, ऋतु बसंत आई है।। कही अनकही बातें ऋतुराज को सुनाई है, सखी ! सुना है, ऋतु बसंत आई है।।
मिलती है नसीब से किस्मते अजीब सी। मिलती है नसीब से किस्मते अजीब सी।
ऐसे भी तुम्हें खोया... वैसे भी तुम्हें खोया... बस !... मन की बात... मन में ही रह गई ऐसे भी तुम्हें खोया... वैसे भी तुम्हें खोया... बस !... मन की बात... ...
कुछ अनसुना सा आप को खबर तो है मगर आप अनजान से है क्यूँ ? कुछ अनसुना सा आप को खबर तो है मगर आप अनजान से है क्यूँ ?
शिखर पर पहुँच कर फिसलने का भय सतायेगा...। आखिर कब तक दोगे मेरा साथ। शिखर पर पहुँच कर फिसलने का भय सतायेगा...। आखिर कब तक दोगे मेरा साथ...
सीधे मन को उसका स्पर्श ईश्वर सरीखा है फिर भी उसे आवश्यक है एक सक्षम सहारा। सीधे मन को उसका स्पर्श ईश्वर सरीखा है फिर भी उसे आवश्यक है एक सक्...
हमारे किस्मत में नहीं होना अभागा था हमारे किस्मत में नहीं होना अभागा था
ना जाने कितने ही... बारिश के मौसम देखें होंगे मां ने। ना जाने कितने ही... बारिश के मौसम देखें होंगे मां ने।
कोई भी विधान भक्ति का चुनो मार्ग सभी जीवन में हितकार। कोई भी विधान भक्ति का चुनो मार्ग सभी जीवन में हितकार।
मसीहा कौन मिल गया, जान तुमपे देने वाला। करोगे बहुत याद हमको, दूजे को साथी बनाकर।। मसीहा कौन मिल गया, जान तुमपे देने वाला। करोगे बहुत याद हमको, दूजे को साथी बना...
मैं पवित्रता को संजो रहा था मन में लेकिन बन गया हास्य ! मैं पवित्रता को संजो रहा था मन में लेकिन बन गया हास्य !
जगमग इनसे जंगल हुआ है। फैंसी ड्रेस का शोर मचा है... जगमग इनसे जंगल हुआ है। फैंसी ड्रेस का शोर मचा है...
मन मसोस कर, निस्पृह हो रोने धोने में यही है उसके जीवन का सार। मन मसोस कर, निस्पृह हो रोने धोने में यही है उसके जीवन का सार।