Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

4.8  

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

अकेलापन चुभता नहीं

अकेलापन चुभता नहीं

2 mins
536


पता है हर दिन की,

एक ही कहानी है,

इसलिए अब,

अकेलापन चुभता नहीं,

जाने कितने ही इम्तेहान से,

गुजर चुकी है जिंदगी,

अब किसी के होने न होने से,

फर्क नहीं पड़ता


क्योंकि अब न कोई उम्मीद,

न ही कोई ख्वाइश बची है मन में,

इसलिए,

अब ये अकेलापन चुभता नहीं I

कल दिसंबर था आज जनवरी है,

कुछ भी तो नहीं बदला,


कल भी अकेले थे,

और आज भी अकेले ही हैं,

जब कभी साथ मांगा था,

तो किसी ने अपनी मजबूरियाँ बता दी,

तो किसी ने ,

अपनी जिम्मेदारियाँ गिना दी,

बस इस अकेलेपन ने ही,

साथ निभाया मेरा

इसलिए,

अब ये अकेलापन चुभता नहीं I


सबका साथ निभाया,

लेकिन जब कभी,

हमने साथ मांगा मिला ही नहीं,

सबको पूरा करते-करते,

खुद अधूरे रह गए,

जब भी कुछ चाहा अपने लिए, 

वो चाह कभी पूरी हुई ही नहीं,

लेकिन तब सिर्फ,

अकेलेपन ने ही साथ निभाया मेरा,

इसलिए,

अब ये अकेलापन चुभता नहीं I


अब खामोशियों में भी,

अपनापन- सा लगता है,

क्योंकि ,

अब इनके सहारे ही,

जीना आ गया है,

कहीं पसरा हुआ सन्नाटा,

शोर से ज्यादा अच्छा लगने लगा है,

अब इनसे ही अपना,

ताना-बाना हमने बुन लिया है,

इसलिए,

अब ये अकेलापन चुभता नहीं I


कहते हैं ना,

भाग्य से ज्यादा किसी को मिलता नहीं,

अब हमने भी,

अपने दिल को यही समझा लिया है,

अब क्या रखा है,

इन बेकार की बातों में,

अब क्यों पालें हम इतनी ख्वाहिशें ?

अकेलापन अब अच्छा लगता है,

इसलिए,

अब ये अकेलापन चुभता नहीं I


किसी के बिना ही,

जिंदगी को ढालना सीख लिया हमने,

इस अकेलेपन में ही ,

अपने को संभाल लिया हमने,

अपना रंग, ढंग क्यों बदलें हम?

हमने तो बस,

अकेलेपन में जीना सीख लिया है,

इसलिए,

अब ये अकेलापन चुभता नहीं I


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract