अजय
अजय
तुम चाँद तो मैं चाँदनी तुम्हारी,
तुम राग तो मैं रागिनी तुम्हारी,
तुम गीत तो मैं आवाज़ तुम्हारी,
तुम वृक्ष तो मैं छाँव तुम्हारी,
तुम फूल तो मैं ख़ुशबू तुम्हारी,
तुम सागर तो मैं लहर तुम्हारी ,
तुम कवि तो मैं कविता तुम्हारी ,
तुम रवि तो मैं किरण तुम्हारी ,
तुम जान तो मैं धड़कन तुम्हारी ,
तुम प्रेम तो मैं प्रेमिका तुम्हारी ,
तुम शब्द तो मैं ग़ज़ल तुम्हारी ,
तुम अजय तो मैं अर्चना तुम्हारी ।

