दीवाली
दीवाली
झाड़ कर दिमाग़ के जाले दीवाली मनाये
लगा कर प्यार की बंदनवार दीवाली मनाये
बुझा कर नफ़रत का दिया दीवाली मनाये
जला कर प्रेम की रोशनी दीवाली मनाये
धो कर मैल मनों का दीवाली मनाये
बिछा कर अपनेपन की चादर दीवाली मनाये
निकाल कर द्वेष का कचरा दीवाली मनाये
मिटा कर बैर के निशां दीवाली मनाये
भर कर स्नेह के रंग रंगोली में दीवाली मनाये
सजा कर संवादों से मन को दीवाली मनाये
हटा कर विवादों की गंदगी दीवाली मनाये
दिखाकर रिश्तों को धूप दीवाली मनाये
बना कर दया की चाशनी दीवाली मनाये
चलो इस बार ऐसी दीवाली मनाये