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ADITYA MISHRA

Romance

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ADITYA MISHRA

Romance

अजीब सा रिश्ता

अजीब सा रिश्ता

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इश्क का इजहार जबां ने तो कभी न किया,

पर तुम्हें खोने का डर दिल को हमेशा लगा रहा।


आने से तुम्हारे मेरी रौनकें बढ़ जाती थी,

तुम अगर न हो तो मेरी महफ़िल ख़ामोश ही रह जाती थी ।

तुम जो न हो आज तो खुद से हूं मैं अब पूछता

''किस कड़ी से हम जुड़े थे क्या था दोनों के दरमियान,

कोई अनकहा सा रिश्ता या फिर इश्क जो अधूरा ही रह गया।''


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