STORYMIRROR

Govind Narayan Sharma

Fantasy

4  

Govind Narayan Sharma

Fantasy

अजीब दास्तान

अजीब दास्तान

1 min
218

यह दिल भी अजीब है कभी कुछ छुपाता नहीं ,

छोटी छोटी बात का फ़साना कभी बनाता नहीं !


हद से बात बिगड़ जाए सर पे जब यह चढ़ जाए,

फिर मत पूछो कुछ यारों बस में रह जाता नही !


कुछ बीज बो दें धरा में जो प्रेम से भर दे जहां को,

हर ओर बहे प्रेम की हवा ऐसा बना दें शमा को !


जब रंग इश्क का चढे ख्वाहिशें शौकीन हो जाती हैं,

दिल में दिलबर बसे तो सारा जहान रंगीन लगता है !


चलो आज हम मिलकर इक वादा करते हैं, 

दिल हमारा तुम रख लो हम तुम्हे रख लेते हैं !


एक ऐसी आग लगी बदन में न जीने दे न मरने दे,

चुप रहूँ तो कलेजा जले बोलूँ तो तेरे वादे कसमें हैं !


हर रंग लग गया देह पर फिर भी तन हुआ न लाल,

जब मिली नजर तुमसे मेरा रोम रोम भया गुलाल !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy