अइसन सुंदर बाड़ू तू
अइसन सुंदर बाड़ू तू
अइसन सुंदर बाड़ू तु, जइसे बागन में खुशबू।
नाचे जब गोरी आंगन में , बाजे पायल क घुँघरु।।
अइसन सुंदर बाड़ू तू।
नख से शिख तक तु हऊ कमाल, कारी बदरी से कारे बाल।
बिंदिया चमके तोहरे लिलार, होंठ रसीले गोरे गाल।
नैन कटिले करी देइ हैं सबही का मन बेकाबू ।
अइसन सुंदर बाड़ू तू।
यौवन तोहार खिलता गुलाब, कस्तुरी जइसे महके शबाब।
सुराहीदार गर्दन तोहार , कटि बलखाए नदिया चनाब।
लूटी लिहु तु मन हमार, मारी बंगाली जादू।
अइसन सुंदर बाड़ू तू।
सांचे में ढ़ला ई बदन तोहार, फुरसत में बनावा लागे।
चाल मस्त हिरनी जैसी , मुख तोहरा अजोरिया लागे।
सपने में रोज आवत बाड़ू, कह कहिया अकवारी में अईबू।
अइसन सुंदर बाड़ू तू।

