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Surendra kumar singh

Action

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Surendra kumar singh

Action

ऐसा क्यों

ऐसा क्यों

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ऐसा क्यों होता है

अक्सर हमारे साथ कि

हम जिस बहस में शामिल होते हैं


उसमें हम खुद ही नहीं होते

बहस होती है

और उस पर तर्क होते हैं

होते ही रहते हैं


चलो अब तक जो हुआ ,हुआ

अब हम भी रहेंगें

अपनी बहसों में


अपने अपरिवर्तनीय शास्वत

विचारों के साथ

मनुष्य हैं तो अपनी

मनुष्यता के साथ

सचमुच अपने को नजरंदाज कर


बहस का हिस्सा बनना

सोये सोये बहस करने जैसा है

और हम जाग रहे हैं।


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