अब जागो
अब जागो
जागो अब हे वीर सपूतों,
वक्त बलिदान का आ गया है,
छोड़ो अब ये प्रमाद तुम,
समय परिवर्तन का आ गया है,
धरा का अब तुम्हे ऋण चुकाना,
समय आज वो आ गया है
हर ओर रोती बिलखती मानवता,
उसे बचाने का समय आ गया है,
वसुधा हमे सदा से देती,
अब कर्ज चुकाने के समय आ गया हैं,
रोती सिसकती है बेटिया,
अब सम्हालने का समय आ गया हैं
कर्तव्य आज बहुत है तेरे,
कदम उठाने का समय आ गया हैं
आये थे वसुधा को देने,
ये जानने का समय आ गया हैं
तो चलो, मेरे युग सेनानी,
सृजन नया हम करते हैं
प्रसन्नता से खिले हर चेहरे,
कुछ ऐसा प्रयास करते है।