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Sumit. Malhotra

Action Classics

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Sumit. Malhotra

Action Classics

एक से लेकर चार गिनती पर कविता।

एक से लेकर चार गिनती पर कविता।

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मेरे यारों गिनती के शुरु के अक्षर चार,

जो है कहलाते एक दो तीन चार।

इन चार अक्षरों से बना रहा कविता आज,

बताना कैसी लगे इन पर लिखे मेरे अल्फ़ाज़।


हंसते-गाते जियो ना यार,

सुबह उठकर सैर जरुर करो यार।

नाश्ते में पराठों संग खाओ आचार,

सदा स्वस्थ रखो अपने विचार।


छोटा हो या बड़ा सबसे करते रहिए प्यार,

छोटी-छोटी बातों में ना रुठों यार।

खाकर कसम प्रण ये लो आज,

हर दिन करोगे किसी रोते हुए।


इंसान को हंसाने की कोशिश आप,

माता-पिता की करोगे सेवा आप।

सब मिलकर चलोगे साथ,

हाथों में लेकर एक-दूसरे का लेकर हाथ।


पहले चार दिन की चांदनी आती,

उसके बाद होती है अंधेरी रात।

कविता कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई यार,

भगवान आप सभी को दे अमन-चैन और प्यार।


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