परिवार में बटवारा
परिवार में बटवारा


गलत को सही बनाया गया
कुछ इस तरह से विवाद बढ़ाया गया
मजे ले रहे थे लेने वाले और
एक परिवार में बटवारा करवाया गया
बटवारा होने पर भी अब
एक दूजे को सुकून मिलता कहां है
बड़ा छोटों को इज्जत सिखाता है पर
खुद का कुसूर निकलता कहां है
बड़ा छोटों को इज्जत सिखाता है
बड़ा बड़ाई का पाठ पढ़ाता है पर
छोटा बोल पड़े बात पर तो कहते हैं
छोटे को इज्जत करना आता कहां है
एक ने जोश में खून किया
दूसरे ने होश में कत्ल किया
हां उसी परिवार का नाश हुआ
जिसका लोगों ने कभी मिसाल दिया
फैसला करने वाला ही यहां
पक्षपात दिखाता है
झूठा भी चिल्ला चिल्ला कर यहां
सच्चे को चुप रहना सिखाता है
अब तुम ही समझ जाओ
यहां आखिर कैसी मजबूरी है
झगड़ों से तो कुछ मिला नहीं
सिर्फ आपस में बढ़ी दूरी है
गलती दोनों पक्ष से हुई होगी
ताली एक हाथ से बजती नहीं है
कोई माफी मांगे और कोई माफ करे
यहाँ जिंदगी फिर से मिलती नहीं है।