ऐ दुष्ट
ऐ दुष्ट
क्या सोचकर दुष्ट तू ये काम करता है
अपनी ही माँ की कोख को बदनाम करता है
क्या दिखी नहीं तुझे अपनी बेटी की परछाई
जब तूने दुष्कर्म की चाह थी जगाई
क्या मुँह दिखायेगा तू अपनी ही बेटी को
जो नाज़ करती थी अपने ही बाप पर
है कोई जवाब उनके के सवालों का
जो राह देख रहे तेरे खयालो में
क्यों दुष्ट तूने ऐसी आग लगाई
अब जल न सकेगी इसमे तेरी ही बुराई
क्यूं सोचा नही तूने उन माँ बाप के बारे में
जो रखते थे बेटी को चाँद सितारों में
क्यों तूने हे पापी ऐसा पाप किया है
क्यों तेरे कर्म तेरे माँ-बाप की भी सज़ा है
क्यों तूने अपने वतन को बदनाम किया है
क्यों तूने कण-कण को निलाम किया है
