क्यों तूने हे पापी ऐसा पाप किया है क्यों तेरे कर्म तेरे माँ-बाप की भी सज़ा है क्यों? क्यों तूने हे पापी ऐसा पाप किया है क्यों तेरे कर्म तेरे माँ-बाप की भी सज़ा है ...
लम्बी बीमारी में मनुष्य याद करता है अपने दुष्कर्म की कहीं उसी का प्रतिफल तो नहीं है ये बीमारी लम्बी बीमारी में मनुष्य याद करता है अपने दुष्कर्म की कहीं उसी का प्रतिफल तो नहीं...
आरम्भ हुआ प्रयास उस जीव के अंत का ममता पर हर मुमकिन दबाव, प्रहार का आरम्भ हुआ प्रयास उस जीव के अंत का ममता पर हर मुमकिन दबाव, प्रहार का
जिस्म के साथ रूह भी जलाई कमीनों ने इस दुष्कृत्य के लिये उन दरिंदो को गरम सरिया पर सुलाना है जिस्म के साथ रूह भी जलाई कमीनों ने इस दुष्कृत्य के लिये उन दरिंदो को गरम सरि...
कितना दुष्कर्म, कितना पाप भरा है कहीं रोना ही रोना, कहीं संताप धरा है कितना दुष्कर्म, कितना पाप भरा है कहीं रोना ही रोना, कहीं संताप धरा है
खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम सब चुप बैठे है? ... खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम स...