जब तुमसे पहली बार मिलना था
जब तुमसे पहली बार मिलना था
जब तुमसे पहली बार मिलना था
तो सोचा कि कैसे होगे तुम।
क्या मुझे समझ पाओगे?
या मुझे तुम भी इस सोसाइटी
की तरह दबाओगे।।
फिर जब तुम्हारा फ़ोटो देखा
तो मन को रोका
सोचा कि एक बार मिलते है
फिर ज़िन्दगी का फैसला करते है
भगवान से बस यही बोला
जो मेरे लिए अच्छा हो वही करना
मेरी लाइफ की इस जगह
को आप ही भरना
देखा था कुछ लोगो को जो
नहीं थे खुश
मन ने मान लिया था के यहाँ
मिलते है यही दुख
फिर भी सोचा के लाइफ
को दूँ एक मौका
क्या पता ये सब हो मेरे
मन का एक धोखा
तुम मिले तो लगा कि सब
एक जैसे नहीं
यहाँ बुराई है तो अच्छाई
भी कहीं छिपी नहीं
देखते ही एक बार मन को
भा गए तुम
मेरे इस दिल को रुझा गए तुम
दिल ने बोला यहीं है वो
आज जो होगा तेरा कल
अब बस तू इसे अपना बना ले चल