Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sonam Kewat

Tragedy

4  

Sonam Kewat

Tragedy

अगर वाकई में तुझे प्यार होता!

अगर वाकई में तुझे प्यार होता!

1 min
406



सोचती हूं मिलने के बाद 

दिन की शुरुआत करूँ

रोज कुछ पल सुकून से 

बैठकर तुझसे बात करूं 

तू भी यूं ही मुझसे 

बात करने को बेकरार होता 

अगर वाकई में तुझे 

मुझसे प्यार होता!


मिलने पर किसी दूसरे 

काम में व्यस्त हो जाता है 

ना जाने कैसे बिना मिले 

तेरा किरदार मस्त हो जाता है 

तू भी मुझसे मिलने को 

कई घंटों इंतजार करता 

अगर वाकई में तुझे 

मुझसे प्यार होता! 


कितना प्यारा लुटाया

पर कुछ भी असर नहीं है 

अब तो दूर होने लगी हूं 

पर तुझे कुछ खबर नहीं है

तू बिन कहे दिल की

बातों को समझ लेता 

अगर वाकई में तुझे 

मुझसे प्यार होता!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy