अगर वाकई में तुझे प्यार होता!
अगर वाकई में तुझे प्यार होता!
सोचती हूं मिलने के बाद
दिन की शुरुआत करूँ
रोज कुछ पल सुकून से
बैठकर तुझसे बात करूं
तू भी यूं ही मुझसे
बात करने को बेकरार होता
अगर वाकई में तुझे
मुझसे प्यार होता!
मिलने पर किसी दूसरे
काम में व्यस्त हो जाता है
ना जाने कैसे बिना मिले
तेरा किरदार मस्त हो जाता है
तू भी मुझसे मिलने को
कई घंटों इंतजार करता
अगर वाकई में तुझे
मुझसे प्यार होता!
कितना प्यारा लुटाया
पर कुछ भी असर नहीं है
अब तो दूर होने लगी हूं
पर तुझे कुछ खबर नहीं है
तू बिन कहे दिल की
बातों को समझ लेता
अगर वाकई में तुझे
मुझसे प्यार होता!