Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Bajrang Guru

Tragedy

5.0  

Bajrang Guru

Tragedy

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो

1 min
827



ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो।


ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

पल-पल घूरती अंखियों की सौगात ना दीजो।

कब तलक बचाऊँ मैं खुद को पिशाचों से,

पैशाचिक भेड़ियों का ऐसा समाज न दीजो।

ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो।


चुभती है शलाका-सी हर निगाहें,

समाने को आतुर मुझे सबकी बाहें,

सहमी-सहमी सी ऐसी जिंदगी ना दीजो।

ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो।


हर पल सिमटती हैं साँसें मेरी,

घुट-घुट सिसकती हैं आहे मेरी,

मरण-सी पीड़ा और दम तोड़ती

कराहें ना दीजो।

ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो।


खिलौना नहीं मैं कि खेलना चाहें सब,

नरक-सी जिंदगी में धकेलना चाहें सब,

नुचने का गिद्धों से अभिशाप ना दीजो।

ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो।


कभी काटी जाती हूँ, कभी जाती जलाई,

कभी मारी जाती हूँ, बदन का फंदा लगाई,

दरिंदगी ऐसा घिनौना आलम ना दीजो।

ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो।

राक्षस नहीं हैं ये कुछ और ही हैं,

शर्मिंदा इनसे दैत्य असुर घोर भी हैं,

नारी जन्म है मनुज जीवन का अपमान

ना दीजो।

ओ बाबुल! मोहे ऐसो वर दीजो।

अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy