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बजरंग लाल सैनी वज्रघन

Abstract

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बजरंग लाल सैनी वज्रघन

Abstract

एक घर में कितने घर

एक घर में कितने घर

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एक घर में कितने घर?

जितने कानों के पर!

एक घर में कितने घर? 

जितनी महत्वाकांक्षा प्रवर!

एक घर में कितने घर?

जितना विश्वास का ढांचा जर्जर,

एक घर में कितने घर?

जितनी तेज़ स्वार्थ की लहर,

एक घर में कितने घर?

जितना एक दूसरे का मौन जबर,

एक घर में कितने घर?

षड्यंत्रों की जितनी बू डगर डगर,

एक घर में कितने घर?

द्वेष का फिजा में घुलता जितना ज़हर,

एक घर में कितने घर?

तू तेरा मैं मेरा, हमारे को लगी नज़र,

एक घर में कितने घर?

ज़र, जोरु, ज़मीन बने सितमगर,

एक घर में कितने घर?

दुश्मनों से ज्यादा अपनों से जब लगे डर,

एक घर में कितने घर?

एक घर में कितने घर?



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