अधूरे ख़्वाब
अधूरे ख़्वाब
कितने काम अधूरे रह गए,रात अंधेरी आने को है।
डूबा सूरज गया उजाला, चाॅ॑द सितारे आने को हैं।
न तो जीवन के सपने, आज तलक पूरे हो पाए।
न ही अपने जीवन स्तर, को ही अच्छा कर पाए।
बीत गई है रात चाॅ॑दनी चॅ॑दा भी अब जाने को है।
कितने काम अधूरे रह गए,रात अॅ॑धेरी आने को है।
डूबा सूरज गया उजाला, चाॅ॑द सितारे आने को हैं।
न ही फूल खिले बगिया में,न ही चमन बहार मिली।
न कलियाॅ॑ न तितली भौरे,न सुगंध भरी बयार मिली।
लगता है अब तो बगिया में, उजड़ा पतझड़ आने को है।
कितने काम अधूरे रह गए,रात अॅ॑धेरी आने को है।
डूबा सूरज गया उजाला, चाॅ॑द सितारे आने को हैं।
बहुत किया इंतज़ार था हमने, बसंती बहार के आने का।
गरम हवा के लिए थपेड़े,सुगंधित बयार के आने का।
अब तो कलुषित हुई पवन है,समय भयंकर आने को है।
कितने काम अधूरे रह गए,रात अॅ॑धेरी आने को है।
डूबा सूरज गया उजाला, चाॅ॑द सितारे आने को हैं।
कुम्भलाई कोमल कलियाॅ॑ हैं,सूखी पेड़ों की डाली।
सुगंध बिहीन अब फूल हो गए,रात चाॅ॑दनी हुई काली।
न जाने अब कैसा आगे का,समय चक्र आने को है।
कितने काम अधूरे रह गए,रात अंधेरी आने को है।
डूबा सूरज गया उजाला, चाॅ॑द सितारे आने को हैं।
