अदाकारी
अदाकारी
छू ना पाया मेरे अंदर की उदासी कोई
मेरे चेहरे ने बेहतरीन अदाकारी जो की
कुछ जख्म खामोशी से जिसने दिये
उन जख्मों से रुबरु ना हो पाया वो ही
औरों से हमेशा मुस्कुराके मिले
अश्कों को नैनों से छुपाते मिले
नमी इन आंखों की पढ़ ना पाया कोई
मेरे नैनों ने मुझसे वफादारी जो की
अक्स को जब भी देखा सुकून सा मिला
छाप अतीत की मिटाकर
कुछ नया सा मिला
आइना अक्सर दिखाता है सच्चाई
देखकर अक्स को मैं भी हैरत में हूँ
आइने ने नामुमकिन दगाबाजी जो की।