अच्छा नहीं लगता
अच्छा नहीं लगता
सिवा तेरे कोई भी दूसरा अच्छा नहीं लगता
हमारे बीच में कोई गिला अच्छा नहीं लगता
उसी के नाम से खुशियां उसी के नाम में बरकत
बिना बेटी के घर अपना ज़रा अच्छा नहीं लगता
रिवायत आज के बच्चों की देखो तुम जरा, इनको
बुजुर्गो का कहा और आँवला अच्छा नहीं लगता
कहा था खूब लगती हो, कभी जो लाल होती हो
मगर ये रोज़ तेरा रूठना अच्छा नहीं लगता
सितारे, चांद, गुल, मौसम यहां पर सब तो है अच्छा
बिना तेरे ये सब अच्छा, ज़रा अच्छा नहीं लगता
गुलाबी चेहरे से अपने जरा जुल्फें हटा देना
मुझे तो चांद बादल में जरा अच्छा नहीं लगता
बनोगे बाप जब तुम भी तो उसका दर्द समझोगे
अभी तो झट से कहते हो, पिता अच्छा नहीं लगता।
