अचानक
अचानक
यूँ अचानक ज़िन्दगी ने रुख बदला है,
कल तक मेरे भी सपने थे,
पर तकदीर ने मेरे धागे किसी के धागे से जोड़े थे,
हम कुछ कह भी नहीं सकते थे,
माँ बाप के प्यार के आगे बेबस थे,
यूँ अचानक ज़िन्दगी ने रुख बदला है,
मेरी मंजूरी किसी ने पूछी नहीं,
इन बंधनों,रिश्तों के लिए मैं अभी तैयार ही नहीं,
क्यों अपनी ज़िन्दगी के फैसले लेने का मुझे कोई हक नहीं,
मेरे दिल को क्यों कोई समझता नहीं,
यूँ अचानक ज़िन्दगी ने रुख बदला है,
आज किसी और की होने का दिन भी आ गया,
नया सफ़र मेरे दरवाजे पर आ गया,
अपने सपने भूलने का वक़्त आ गया,
ना जाने कब ये मोड़ मेरी किस्मत में आ गया,
यूँ अचानक ज़िन्दगी ने रुख बदला है,
अब आँसू पी कर होठों से मुस्कुराना है,
बीते कल को भी अब हमे भूलाना है,
हर पल खुद को संभालना है,
कुछ खोकर शायद सब पाना है।