अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ..
अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ..
अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ, मुझे तुम से मुहब्बत हो चली है..
बज़ाहिर एक सुकून तारी है मगर,दिल मैं कयामत हो चली है..
तुम्हारे नाम से फूलों का खिलना,तुम्हारा रोज़ का यूँ मिलना, तुम्हारे चाँद से चेहरे को तकना, मेरी आँखों की आदत हो चली है..
अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ, मुझे तुम से मुहब्बत हो चली है....

