STORYMIRROR

BIKRAM NAYAK

Romance Classics Others

4  

BIKRAM NAYAK

Romance Classics Others

अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ..

अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ..

5 mins
25


अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ, 
मुझे तुम से मुहब्बत हो चली है..

बज़ाहिर एक सुकून तारी है मगर,
दिल मैं कयामत हो चली है..

तुम्हारे नाम से फूलों का खिलना,
तुम्हारा रोज़ का यूँ मिलना, 
तुम्हारे चाँद से चेहरे को तकना, 
मेरी आँखों की आदत हो चली है..


अभी भी वक़्त है तुम लौट जाओ, 
मुझे तुम से मुहब्बत हो चली है....



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance